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जिले के बारे में

जिला खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई दिनांक 03 सितम्बर 2022 को तात्कालिन राजनांदगांव जिले से पृथक होकर 31वें जिले के रूप में अस्तित्व में आया। संगीत नगरी खैरागढ़ के नाम से विखयात यहां एशिया के प्रथम कला एवं संगीत विश्वविद्यालय एवं छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम विश्वविद्यालय की नींव तात्कालीन शासक राजा वीरेन्द्र बहादूर सिंह एवं रानी पद्‌मावती ने सन्‌ 1956 में रखी थी। उन्होंने अपनी पुत्री इंदिरा के स्मृति में ही इस विश्वविद्यालय का नामकरण कर संगीत और ललित कला विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अपना राजभवन दान किया था। जो दृश्य और प्रदर्शन कला के लिए समर्पित खैरागढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।

 यह छत्तीसगढ़ राज्य के पश्चिमी मध्य भाग में स्थित है। जिसकी पश्चिमी सीमा सीमावर्ती राज्य मध्यप्रदेश को स्पर्श करती है। इसका जिला मुखयालय खैरागढ़ है। खैरागढ़ राज्य की राजधानी रायपुर से 91.4 कि.मी. (व्हाया राष्ट्रीय राजमार्ग 53) दूर है एवं मातृजिला राजनांदगांव से मुखयालय खैरागढ़ की दूरी लगभग 40 कि.मी. है। जिले का निकटतम हवाई अड्‌डा स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर 103.6 कि.मी. का (व्हाया राष्ट्रीय राजमार्ग 53) दूर है।